निपाह वायरस एक बिमारी है जिसका इतिहास दो दशकों से भी ज्यादा पुराना है। यह एक ऐसी बिमारी है जिसका नाम किसी आतंक से कम नहीं है। यह बीमारी बहुत तेज़ी से फैलती है और अगर तुरंत ही इसका इलाज ना किया जाए तो ये अकाल मृत्यु का कारण भी बन सकती है। एक समय में ये एक ऐसी महामारी थी जिसने मलेशिया में 105 लोगों की जान ली थी और 257 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2018 से 2024 के बीच निपाह वायरस के कारण 21 लोगों की मृत्यु का आंकड़ा दर्ज किया गया है। nipah virus in hindi आर्टिकल में, हम आपको निपाह वायरस से बचने के उपाय बताएंगे ताकि आप और आपका परिवार इस घातक बीमारी से सुरक्षित रह सकें। सही जानकारी और सावधानी बरतकर, आप इस जानलेवा वायरस से बचाव कर सकते हैं।
निपाह वायरस एक जेनेटिक वायरस है, अर्थात् यह एक ऐसा संक्रमण है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। आमतौर पर ये बीमारी फ्रूट बैट यानी कि चमगादड़ और सुअरों में पनपती है जो उनके माध्यम से इंसानों में फैल जाती है। वर्ष 1999 में पहली बार मलेशिया में इस वायरस की पहचान हुई थी, जो अब तक एशिया के कई अलग-अलग देशों में फैल चुका है।
ये मुख्यतः मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस और भारत में पाया गया है। परन्तु इसका प्रकोप एशिया, दक्षिण पेसिफिक और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी देखा जा सकता है। हाल में ही भारत के केरल प्रदेश में निपाह वायरस के मामले देखने को मिले है, और इसकी घातक प्रकृति इसे एक बड़ा चिंता का विषय बनाती है।
निपाह वायरस के शुरूआती लक्षण किसी वायरल के जैसे ही प्रतीत होते हैं, परन्तु इसमें इंसान की हालत बहुत तेज़ी से बिगड़ती है और कई बार मृत्यु का कारण भी बन जाती है। आए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण जिन पर ध्यान देना आवश्यक है:
अगर आप इनमें से एक या एक से ज़्यादा लक्षण देख पा रहे हैं तो आपको तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि देखने में ये लक्षण किसी आम वायरल बुखार जैसे लग सकतें हैं परन्तु ये बहुत घातक होते हैं।
चूंकि निपाह वायरस एक जेनेटिक वायरस है, यह मुख्यत जानवरों से ही मनुष्यों में फैलता है। आए जानते हैं कि किन-किन माध्यमों से यह वायरस फैल सकता है।
अगर आप ऐसे फल का सेवन करते हैं जो चमगादड़ द्वारा जूठा किया क्या या खाया गया हो, तो आपको इस वायरस का संक्रमण हो सकता है।
अगर आप अपने घर में सुअर पालते हैं (पोर्क बनाने हेतु) या पालतू जानवरों के तौर पर भी तो लगातार उनकी जांच कराएं क्योंकि निपाह वायरस सुअरों से भी फैलता है।
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर के द्रव्यों (जैसे कि लार, मूत्र, या रक्त) से फैल सकता है। अस्पतालों में इसका प्रसार अधिक होने की संभावना होती है, जब स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित रोगियों की देखभाल करते हैं। इसीलिए हमेशा सावधान रहें।
निपाह वायरस से बचना उतना भी कठिन नहीं है जितना आप सोच रहे हैं, बस कुछ उपाय और सावधानियां बरतनी है और आप इस जानलेवा वायरस से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं वो उपाय:
ऐसे कोई भी फल जो जानवरों के आधे खाए हुए हों या पेड़ों से गिरे हों उनका सेवन ना करें। इस प्रकार के फल खाने से निपाह वायरस फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए सावधान रहें।
अगर आपके आसपास निपाह वायरस के मामले सामने आ रहे हैं, तो संक्रमित जानवरों जैसे सुअरों से दूर रहना चाहिए। जिन क्षेत्रों में निपाह वायरस के मामले पाए जाते हैं, वहां जानवरों से सीधे संपर्क से बचना महत्वपूर्ण है।
अपने हाथों को लगातार धोते रहें। अपने चेहरे, नाक, और कान में उंगलियां ना डालें। अपने घर और उसके आसपास का वातावरण भी साफ रखें। ऐसा करने से निपाह वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो जाएगा।
अगर आप अस्पताल में कार्यरत हैं जहां आपको संक्रमित मरीजों का ध्यान रखना पड़ रहा है तो आपके लिए स्वच्छता आवाश्यक है। समय-समय पर हाथ धोते रहें और अस्पताल के परिसर को भी गंदगी से मुक्त रखें। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है।
वैसे इलाक़े जहां से निपाह वायरस के मामले सामने आए हों वहां फल से बने पदार्थ यानी जूस, कस्टर्ड इत्यादि का सेवन ना करें। ऐसे फलों का सेवन करना घातक साबित हो सकता है।
यहां कुछ उपाय हैं जो निपाह वायरस के संक्रमण हो जाने पर आपको करने चाहिए।
निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमण है जो जानलेवा है। यही कारण है कि इसके प्रारंभिक लक्षण दिखते ही डॉक्टरों से संपर्क करें। सही समय पर उपचार से आपकी जान बच सकती है। अगर आपने nipah virus in hindi के बारे में सर्च किया है, तो ऊपर दी गई सावधानियों को जरूर अपनाएं और खुद को तथा अपने परिवार को इस घातक वायरस की चपेट में आने से बचाएं।